वो अक्सर कहता था, फ़िक्र मत कर कल की, मैं बस आज हूँ , कल का पता नहीं, फिर क्यों वो आज भी ज़हन में इस क... वो अक्सर कहता था, फ़िक्र मत कर कल की, मैं बस आज हूँ , कल का पता नहीं, फिर क्यों व...
या वो झूठ जो सच पर लगाकर सीधी चढ़ता गया। या वो झूठ जो सच पर लगाकर सीधी चढ़ता गया।
तुम हो एक बेहतरीन जीवनसाथी सच..मिल ही गया था मुझे मेरा सोलमेट। तुम हो एक बेहतरीन जीवनसाथी सच..मिल ही गया था मुझे मेरा सोलमेट।
जवाब मिलते ही अक्सर क्यों सवाल ही भूल जाता हूँ मैं। जवाब मिलते ही अक्सर क्यों सवाल ही भूल जाता हूँ मैं।
अक़्सर शाम होते ही दीया बुझा देता हूँ। अक़्सर शाम होते ही दीया बुझा देता हूँ।
जब भी होता है हसीं साथ तेरा, लम्हें क्यूं हाथ से फिसलते हैं। जब भी होता है हसीं साथ तेरा, लम्हें क्यूं हाथ से फिसलते हैं।